भारत की स्टार महिला बैडिमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल दुनिया की नंबर वन महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। यह उपलब्धि हासिल करने वाली साइना पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। सायना से पहले प्रकाश पादुकोण पुरूष वर्ग में दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी रह चुके हैं। साइना को यह उपलब्धि विश्व चैंपियन और दूसरी वरीयता प्राप्त केरोलिना मेरिन के इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में थाइलैंड की रत्चानोक इंतानोन के हाथों पराजित होने की वजह से हासिल हुई। इंतानोन ने यह मुकाबला 21-19, 21-23, 22-20 से जीता। वहीं अब साइना का सेमीफाइनल में जापान की यूई हाशिमोतो से मुकाबला होगा। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले सायना वर्ल्ड रैंकिंग्स में चीन की ली झुरूई से एक स्थान पीछे दूसरे पायदान पर थीं। जबकि शिजियान वांग तीसरे और मेरिन चौथे स्थान पर थी। इससे पहले 2012 के लंदन ओलंपिक्स में सायना ने कांस्य पदक जीता था। 2012 से लेकर 2014 तक सायना कई टूर्नामेंट में हारीं लेकिन 2014 में उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीतकर ये सिलसिला तोड़ दिया। उसी साल सायना ने चाइना ओपन सुपर सीरीज का खिताब जीतकर सबको हैरान कर दिया। इस साल की शुरुआत में कैरोलीना मरीन को हराकर उन्होंने सैयद मोदी ग्रां प्री टूर्नामेंट अपने नाम किया। सायना नेहवाल का परिचय पिछले 5 साल में सायना नेहवाल बैडमिंटन के क्षितिज पर ऐसी चमकी हैं कि भारतीय बैडमिंटन का इतिहास ही बदल गया। इसी महीने अपना 25वां जन्मदिन मना चुकी सायना ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 17 मार्च 1990 को हरियाणा के हिसार में पैदा हुई सायना अपने पिता की दूसरी बेटी थीं। पिता को यकीन था कि एक दिन उनकी बेटी पूरी दुनिया में उनका नाम रोशन करेगी। और स्कूल के समय से ही सायना ने अपनी बैडमिंटन प्रतिभा से सबको कायल कर दिया। - 14 साल की उम्र में सायना ने मिक्स्ड टीम में कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स का सिल्वर जीता। - 18 साल की उम्र में वो वर्ल्ड जूनियर चैंपियन का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। इसके बाद सायना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक बार सफलता का सिलसिला शुरू हुआ तो वो लगातार आगे ही बढ़ती गईं। - 2008 में ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। - 2009 में इंडोनेशिया ओपन जीतकर सुपर सीरीज टूर्नामेंट जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। - 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता। - 2010 में सायना ने करियर की सर्वेश्रेष्ठ नंबर 2 रैकिंग हासिल की। इसके बाद सायना ने ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल तक का सफर भी तय किया, लेकिन साल दर साल वो अपनी कामयाबी की और ऊंची उड़ान भरती गईं। - 2012 में सायना ने कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक के सूखे को खत्म किया, जबकि 2014 में ऑस्ट्रेलियन ओपन और चाइना सुपर सीरीज खिताब पर कब्जा किया।
Saina Nehwal Biography
Saina Nehwal (born 17 March 1990) is an Indian badminton player. The first Indian girl to win a super series and the only non-Chinese player in the badminton top-six list, Ms. Saina Nehwal stunned all by completing a spectacular hat-trick of titles by clinching the Indonesia Open Super Series in Jakarta on June 17, 2010. She defeated Japan's Sayaka Sato in a three-game set. Before it, she had won the Indian Open Grand Prix at home and the Singapore Open Super Series on June 20, 2010. She had lifted the Singapore Open Super Series title by defeating a higher-ranked Chinese, Lin Wang. On June 24, 2010 she was declared as World No. 3 by the Badminton World Federation.
The 20-year-old ace badminton player Ms. Nehwal's parents, Dr. Harvir Singh and Ms. Usha Nehwal, are former badminton champions of Haryana. At present, her father is a scientist at the Directorate of Oilseeds Research, Hyderabad, Andhra Pradesh.
Ms. Nehwal started training for the game when she was only 8 years old. Her father encouraged her and introduced her to the coach, Mr. Nani Prasad. As Ms. Nehwal got enrolled as a summer trainee, a rigorous training schedule began. She had to go to the stadium, 25 km away from her residence, in the early morning with her father and join school on her way back home. Later on, she had to practice in the evening session too. Her father had to withdraw money from his savings and provident fund to meet the rising cost of her training in the beginning. But later on, sports brand Yonex, BPCL and Mittal Champions Trust supported her expenses.
Ms. Nehwal attracted the global attention in 2006, when she became the first Indian woman to win a 4-star tournament, the Philippines Open. In this tournament, she went on a winning spree defeating several top seeded players including top seed Huwaiwen Xu and finally bagging the title by beating Julia Xian Pei Wong of Malaysia. The same year, she also reached the final of BWF World Junior Championships but lost to the top seed Chinese Wang Hian. But in 2008, she became the first Indian to win the World Junior Badminton Championship when she defeated ninth seed Japanese Sayaka Sato. She was named the Most Promising Player in 2008. In December that year, she also reached World Super Series Semifinals. On June 21, 2009 she became the first Indian to win BWF Super Series title, the most prestigious badminton series of the world, by winning the Indonesia Open. She defeated Chinese Wang Lin. Before that she had also won the Yonex Chinese Taipei Open. She has also become the first Indian woman to reach the quarter finals at the Olympic Games. In August 2009, she was conferred Arjuna Award. In recognition of her invaluable contribution to the field of sports, the Government of India conferred the coveted Padma Shri on her in 2010 as well. She always ignores ranking points and focuses her attention on her game. Her strategy has yielded very good results and she is poised to add many more feathers to her cap.
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